November 5, 2024

कोयले की कमी से स्थानीय उद्यमियों की बेचैनी बढ़ रही

पावर प्लांटों को कोयला आपूर्ति में तरजीह से अन्य उद्योगों का कोयला प्रभावित हो रहा है। हार्डकोक सहित अन्य उद्यमियों की इससे बेचैनी बढ़ रही है। उद्यमी कोल इंडिया से आग्रह कर रहे हैं कि पावर प्लांटों के साथ-साथ अन्य कोयला आधारित उद्योगों की भी चिंता करें। पहली बार ऐसा हुआ है कि पावर प्लांटों को कोयला देने के लिए अन्य उद्योगों का कोयला बंद किया गया है।

बुधवार को जीटा(झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन)की बैठक में मौजूदा स्थिति को चिंताजनक बताया गया एवं कोल इंडिया से स्थानीय उद्योगों को बचाने की गुहार की गई। बैठक में जीटा के केदारनाथ मित्तल, अमितेष सहाय, राजीव शर्मा आदि मौजूद थे।

उद्यमियों ने कहा कि प्राइम कोकिंग,सेमी कोकिंग कोल भी पावर प्लांटों को दिया जा रहा है। ये कोयला स्टील एवं हार्डकोक उद्योग के लिए है। पावर प्लांटों को कोयला मिले लेकिन स्थानीय उद्योग का भी ध्यान रखना चाहिए। पहले लिंकेज बंद किया गया, फिर एफएसए और अब ई आक्शन के कोयले का भी उठाव नहीं हो रहा।

छापेमारी के बहाने प्रताड़ित कर रहा खनन विभाग

जीटा की ओर से खनन विभाग पर आरोप लगाया गया कि छापेमारी के बहाने हार्डकोक उद्यमियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। चोर और साहूकार को एक नजर से देखा जा रहा है। कोयला चोरी हो रहा तो जहां से चोरी हो रहा वहां रोकें। फार्म डी सहित अन्य मुद्दों पर भी जीटा पदाधिकारियों ने विभाग की नीति की निंदा की तथा छोटे उद्योग एवं एमएसएमई को इससे मुक्त करने की मांग की। उद्यमियों ने कहा कि छापेमारी के बहाने उद्यमियों को प्रताड़ित करने की शिकायत राज्य सरकार से करेंगे। उद्योग बचेंगे तो सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। कहा कि सरकार से मांग करेंगे कि एमएसएमई और ट्रेडर को फार्म डी से बाहर रखा जाए।

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