May 17, 2024

नई IPL टीम को लेकर सवालों में घिरे सौरव गांगुली, फ्रेंचाइजी के साथ निकला फुटबॉल क्लब का कनेक्शन

Saurav Ganguly Link With IPL New franchise: सौरव गांगुली (Saurav Ganguly), आरपीएसजी वेंचर्स लिमिटेड (RPSG Ventures Limited) के साथ इंडियन सुपर लीग (ISL) में एक फुटबॉल टीम के सह-मालिक (ATK Mohun Bagan) हैं. इसी वेंचर ने आईपीएल की नई टीम यानी लखनऊ फ्रेंचाइजी (IPL New franchise) के लिए 7090 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई है. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि ये स्पष्ट तौर पर हितों के टकराव का मामला है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) हितों के टकराव (Conflict of Interest) से जुड़े नए सवालों का सामना कर रहे हैं. दरअसल सौरव गांगुली (Saurav Ganguly), आरपीएसजी वेंचर्स लिमिटेड (RPSG Ventures Limited) के साथ इंडियन सुपर लीग (ISL) में एक फुटबॉल टीम के सह-मालिक (ATK Mohun Bagan) हैं, जिसने आईपीएल की नई टीम यानी लखनऊ फ्रेंचाइजी (IPL New franchise) के लिए 7090 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई है. आईपीएल (IPL) की दो नई टीमों के लिए बोली प्रक्रिया सोमवार को दुबई में हुई।

इंडियन सुपर लीग के फुटबॉल क्लब एटीके मोहन बागान की आधिकारिक वेबसाइट पर सौरव गांगुली को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का सदस्य बताया गया है, जिसके चेयरमैन गोयनका हैं. वेबसाइट पर लिखा है, ‘एटीके मोहन बागान का मालिकाना हक कोलकाता गेम्स एंड स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है, इसमें पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली, कारोबारी हर्षवर्धन नियोतिया, संजीव गोयनका और उत्सव पारेख शामिल हैं.’

मीडिया के साथ बातचीत में बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि ये स्पष्ट तौर पर हितों के टकराव का मामला है. सदस्य ने कहा, ‘गांगुली बोर्ड अध्यक्ष हैं और उन्हें ये समझना चाहिए. ये पहली बार नहीं है, जब वे ऐसे सवालों से जूझ रहे हैं.’ इंडियन एक्सप्रेस की ओर से हितों के टकराव के मामले पर प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए संदेशों और फोन कॉल्स का ना तो गांगुली और ना ही गोयनका ने कोई जवाब दिया।

मंगलवार को अपने इंटरव्यू के दौरान सौरव गांगुली के साथ अपने जुड़ाव के चलते हितों के टकराव से जुड़े सवाल पर गोयनका ने कहा, ‘मुझे लगता है वह (गांगुली) पूरी तरह मोहन बागान से हटने वाले हैं.’ इस पर जब पूछा गया कि ये कब होगा तो उन्होंने कहा कि ये आज ही हो जाएगा. हालांकि बाद में गोयनका ने कहा, ‘ये सौरव गांगुली के ऊपर है कि वे कब फैसला लेते हैं, सॉरी लेकिन मैंने पहले ही इसका खुलासा कर दिया है।

हालांकि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान की ओर से मंगलवार की रात तक एटीके मोहन बागान के साथ अपने जुड़ाव के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी. अगर सौरव गांगुली फुटबॉल क्लब से अपना जुड़ाव खत्म भी कर लेते हैं, तब भी आईपीएल टीमों की नीलामी प्रक्रिया में बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष उनकी भागीदारी को लेकर सवाल उठाए जा सकते हैं. बावजूद इसके कि फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने वाले फुटबॉल एसोशिएसन के साथ उनका जुड़ाव है।

बता दें कि 2019 से ही सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं और बोर्ड के सभी महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी बात सुनी जाती है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद दोबारा तैयार किए गए बीसीसीआई संविधान में, न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति ने कई संभावित जुड़ावों को सूचीबद्ध किया है, जो हितों के टकराव के दायरे में आते हैं.

संविधान के मुताबिक, ‘जब बीसीसीआई, एक सदस्य, आईपीएल या एक फ्रेंचाइजी उन संस्थाओं के साथ कॉन्ट्रैक्चुअल समझौता करती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति या उसके रिश्तेदार, साथी या करीबी सहयोगी का हित जुड़ा होता है, तो उसमें ये मामले जुड़े होते हैं कि पारिवारिक सदस्य, पार्टनर्स या करीबी संबंधी ऐसे पद पर हो सकते हैं, जिसमें व्यक्ति अपनी भागीदारी, और भूमिकाओं के निर्वहन से समझौता कर सकते हैं या देखे जा सकते हैं।

हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब सौरव गांगुली हितों के टकराव से जुड़े सवालों का सामना कर रहे हैं. पिछले साल सौरव गांगुली ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में जेएसडब्ल्यू सीमेंट (Jindal Steel Works) की टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि वे कंपनी के ब्रैंड एंबेसडर के तौर पर ‘काम कर रहे’ हैं. जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, कारोबारी समूह जेएसडब्ल्यू ग्रुप की एक शाखा है, जिसके पास आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स का साझा मालिकाना है।

उस समय सौरव गांगुली ने जोर दिया था कि जेएसडब्ल्यू सीमेंट के ब्रैंड एंबेसडर के तौर पर उनकी नई भूमिका बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर उनके कर्तव्यों के निर्वाह में घालमेल नहीं करती है. बीते समय में सौरव गांगुली दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर भी रह चुके हैं।

बाद में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोशिएसन (MPCA) के पूर्व सदस्य संजीव गुप्ता ने इस बारे में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इस मामले को अभी सुना जाना बाकी है. बता दें कि जून 2021 में जस्टिस डीके जैन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, बीसीसीआई ने नए लोकपाल और नैतिकता अधिकारी की नियुक्ति भी नहीं की है.

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