May 16, 2024

स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक के समक्ष शहीदों के नाम दीयें जला किया याद, वक्ताओं ने कहा हर एक दीया की लौ से उर्जांवित होते हैं सैनिक…

स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक के समक्ष शहीदों के नाम दीयें जला किया याद

स्वतंत्रता सेनानी के स्मारक के समक्ष शहीदों के नाम दीयें जला किया याद...

रिपोर्टर आशीष कुमार, हिसुआ : दीपावली के पूर्व संध्या प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक के समीप दीया जलाकर शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दिया गया। पत्रकार जितेंद्र कुमार आर्यन कि देखरेख व कवि उदय भारती के मंच संचालन में शहीदों के नाम दीया का आयोजन किया गया था। मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी लवकेश कुमार ने कहा कि दीपोत्सव पर्व के मौके पर हरेक घर दीपों के रौशनी से रौशन होती है। मगर कुछ ऐसे भी घर हैं,जो देश की सेवा में उनके घरों के दीपक के बुझ गयें हैं। लोगों की सुरक्षा में जिनके घरों के दीपक बुझ गए हैं,उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना है। हमारे खुशियों के लिए बॉर्डर पर तैनात जवान, सेना जिनकी वजह से हम अपने घरों में सुरक्षित है,वैसे जवानों को नमन करता हूं। क्योकिं जब बॉर्डर पर वीर जवान जागाते हैं तब देशवासी चैन की नींद सोते हैं। थानाध्यक्ष मोहन कुमार ने कहा कि इस प्रकार का आयोजन सैनिकों और हम पुलिसकर्मियों को भी उर्जान्वित करता है। पब्लिक-पुलिस में अपनत्व का बोध कराता रहता है। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में विभिन्न प्रकार के आयोजनों में लोगों कि काफी भीड़ होती है लेकिन कुछ लोग ऐसे प्रकार के आयोजन कर हमारी संस्कृति और संस्कार को जीवंत रखने के लिए कार्य कर रहें हैं जिसमें लोगों कि बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने इस प्रकार को बड़ा स्तर का आयोजन करने कि बात कही।

डॉ शैलेन्द्र प्रसून ने यह एक दीया के कविता पाठ कर राष्ट्र व क्षेत्र के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए युवाओं को ऐसे आयोजन में आगे आने कि अपील किया। कवि सह पत्रकार ओंकार शर्मा ने कहा कि विभिन्न देशों के सैनिक अपनी उनके राजा के खिलाफ हीं बंदुकें तान लेते हैं, सासंद भवन को घेर लेतें है लेकिन हमारे देश का और ना हीं भारत के सैनिकों का संस्कार है। हमारे सैनिक अपने देश के लिए राजा के लिए दुश्मनों का सर कलम कर देने या अपनी आहुति देते हैं। चूंकि वे जानते हैं कि हमारा पुरा भारत वर्ष परिवार है। और हमारे नाम का दीया इस लिए जलाकर रखते हैं कि उसकी लौ से हम उर्जावान होते रहें। उन्होंने अपने कविता पाठ “तीन लोकों का पुण्य मिले कर के नमन शहीदों को” से एक नया जोश भरा और शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित किया। देवेंद्र विश्वकर्मा ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित स्मृति शेष डॉ मिथलेश कुमार सिन्हा को याद करते हुए कहा कि डॉ मिथलेश के द्वारा आरंभ किया गया शहीदों के नाम दीया आज भी मनाया जा रहा है जो प्रशंसनीय है। उनकी सोच थी कि दीपावली पर हर घरों में दीपक जलता है लेकिन कुछ ऐसे भी घर हैं जो हमारे लिए प्रहरी का काम कारें हुए सदा के लिए बुझ गये उनके के नाम का उनके शौर्य का और उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदना का जलाना चाहिए। कहा कि शहीदों के नाम का जला दीया मात्र एक दीया नहीं है बल्कि यह हमारे देश कि संस्कार और संस्कृति है। पत्रकार सुनील चौधरी ने ऐसे वीर सपूत जवानों के जीवन से प्रेरणा लेनी की अपील करते हुए कहा कि देश की रक्षा करते-करते सैनिक अपने प्राणों की आहुति भी देते है। उनकी कुर्बानी के कारण ही सभी देशवासी सुरक्षित हैं और शांति से त्योहार मना पा रहे है।समाजसेवी पवन गुप्ता ने हर एक भारतीय से वीर शहीदों के नाम अपने घरों पर ही एक-एक दीपक जलाने के की अपील किया। नीरज लाल नवादिया ने कहा कि उन शहीदों को जो रात दिन देश की सीमा पर सजग रहकर हमारी स्वतंत्रता को अक्षुण्य बनाए रखने में शहीद हो जाते है उनके प्रति हम सभी का कर्तव्य बनता है कि उन शहीदों को याद करें। कहा कि उन शहीदों की बदौलत हम परिवार के संग ढंग से खुशियां मना रहे हैं। पार्षद अशोक उर्फ बिल्टु चौधरी ने कहा कि अपनी खुशियों के बीच हमारे लिए अपनी कुर्बानी देने बाले कि प्रति अपनी संवेदना प्रकट करनी चाहिए। कहा कि आये दिन हमारे बिहार के कई जवान बॉर्डर पर अपनी आहुति दे रहें है। उनकी याद में अपनी खुशियों के बीच इस प्रकार का आयोजन निश्चित रुप से हमारी संस्कृति को याद दिलाता है।

कवि उदय भारती ने देश के लिए शहादत देने बालों के साथ-साथ देशभक्ति संगीत लिखने व गाने बारे संगीतकारों को भी अपनी श्रद्धांजलि दिया । कहा कि उन संगीतकारों ने हीं हमें अपने शहीदों को याद करने के लिए अपने संगीत के माध्यम से देश प्रेम का जज्बा स्थापित करने का काम कर रहा है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता कर रहे जितेन्द्र आर्यन ने कार्यक्रम में आने वाले लोगों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि अगले साल से कार्यक्रम को विस्तृत रुप देने का प्रयास किया जायेगा। हां कि पूरा देश सोता है तो सैनिक जागकर सीमा की रक्षा करते है। सैनिक का जीवन अटूट शक्ति, देशभक्ति से ओतप्रोत होता है। यही कारण है कि वे देश की रक्षा के लिए घर बार छोड़कर निकल पड़ते है। ऐसे में हमारे देश कि सीमाओं को रक्षा करते हुए अपनी बलिदान तक दे दे देतें है। कहा कि शहीदों के नाम जलाये गये दीयें जहां शहीदों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि देता है वहीं दीया कि प्रत्येक लौ हमारे बॉर्डर पर तैनात सैनिको, शहीद हुए सैनिकों के परिजन, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को उर्जा देने का काम करता है तथा सैनिको को दुगुनी ताकत से अपने निश्चिय पर अडिग रहने का जज्वा प्रदान करता है। कहा कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों के मन में राष्ट्र प्रेम और शहीदों के प्रति सम्मान जगाना है।

इसके अलावेसमाजसेवी अरविंद चंद्रवंशी पत्रकार, पंकज कुमार रोहित, आलोक कुमार, बंटु कुमार, संजय कुमार संजू सहित दर्जनों वक्ताओं ने एक दीया जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इसके पूर्व देवेंद्र विश्वकर्मा ने कार्यक्रम स्थल की सजावट किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान जन-गण-मन गाकर किया गया। इस दौरान वीर शहीद अमर रहे, भारत माता कि जय, वंदे मातरम आदि के जय घोष होता रहा।

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